Article 79 To 123 In Hindi

less than a minute read Sep 05, 2024
Article 79 To 123 In Hindi

भारतीय दंड संहिता की धारा 79 से 123: एक विस्तृत व्याख्या

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) एक व्यापक कानून है जो भारत में अपराधों और दंडों को परिभाषित करता है। धारा 79 से 123 तक विभिन्न प्रकार के अपराधों को शामिल किया गया है, जिनमें शामिल हैं राज्य के खिलाफ अपराध, सार्वजनिक शांति भंग करना, धार्मिक भावनाओं को आहत करना, और अन्य अपराध। इस लेख में, हम इन धाराओं को विस्तार से समझेंगे।

धारा 79: राज्य के खिलाफ अपराध

इस धारा में, "राज्य के खिलाफ अपराध" से संबंधित कानून का वर्णन किया गया है। यह धारा उन अपराधों को परिभाषित करती है जो राज्य के खिलाफ किए जाते हैं, जैसे देशद्रोह और राजद्रोह

धारा 80 से 85: सार्वजनिक शांति भंग करना

ये धाराएँ उन अपराधों से संबंधित हैं जो सार्वजनिक शांति को भंग करते हैं। यह धाराओं में गड़बड़ करना, हंगामा करना, दंगा करना, और हिंसा करना शामिल है।

धारा 86 से 100: धार्मिक भावनाओं को आहत करना

ये धाराएँ उन अपराधों से संबंधित हैं जो धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं। यह धाराओं में धार्मिक स्थानों का अपवित्र करना, धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले कार्य, और धार्मिक ग्रंथों का अपमान करना शामिल है।

धारा 101 से 123: अन्य अपराध

ये धाराएँ विभिन्न प्रकार के अन्य अपराधों को परिभाषित करती हैं, जैसे अवज्ञा, झूठा आरोप लगाना, भ्रष्टाचार, बदमाशी, और अन्य

धाराओं के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • दंड: प्रत्येक अपराध के लिए दंड भिन्न होता है, और इसमें जुर्माना, कैद, या दोनों शामिल हो सकते हैं।
  • आशय: अपराध को साबित करने के लिए, आशय का साबित होना आवश्यक है। यानी, अपराधी को जानबूझकर और स्वेच्छा से अपराध करना चाहिए।
  • बचाव: कानून में कुछ बचाव भी प्रदान किए गए हैं, जैसे जबर्दस्ती या आत्मरक्षा

निष्कर्ष

भारतीय दंड संहिता की धारा 79 से 123 राज्य और सार्वजनिक शांति के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन धाराओं का अध्ययन करना सभी नागरिकों के लिए आवश्यक है ताकि वे अपने अधिकारों और दायित्वों को समझ सकें। यदि कोई व्यक्ति इन धाराओं के तहत अपराध करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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