भारतीय संविधान का अनुच्छेद 123: राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश जारी करना
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 123 राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार देता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो संसद के सत्र के बीच में भी सरकार को कानून बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
अनुच्छेद 123 के अनुसार, राष्ट्रपति निम्न परिस्थितियों में अध्यादेश जारी कर सकता है:
- जब संसद का सत्र न हो: यदि संसद का सत्र नहीं चल रहा है और सरकार का मानना है कि कोई तत्काल कानून बनाने की आवश्यकता है, तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है।
- जब संसद के दोनों सदनों की सहमति आवश्यक हो: यदि किसी विधेयक को पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों की सहमति आवश्यक है और दोनों सदनों में सहमति नहीं बन पा रही है, तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है।
- जब कोई आपातकालीन स्थिति हो: किसी भी आपातकालीन स्थिति में, राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है।
अध्यादेश के प्रमुख बिंदु:
- अध्यादेश संसद के पारित किए गए कानून की तरह ही प्रभावी होता है।
- अध्यादेश जारी करने के 6 सप्ताह के भीतर संसद का सत्र शुरू होने पर, राष्ट्रपति को अध्यादेश को संसद में पेश करना होता है।
- यदि संसद अध्यादेश को मंजूरी नहीं देती है, तो वह रद्द हो जाता है।
- राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया अध्यादेश, किसी भी कानून के विरुद्ध नहीं होना चाहिए।
अध्यादेश जारी करने के कुछ उदाहरण:
- 1975 में आपातकाल के दौरान: इंदिरा गांधी ने कई अध्यादेश जारी किए थे।
- 1991 में आर्थिक संकट के दौरान: नरसिम्हा राव ने कुछ अध्यादेश जारी किए थे।
- 2016 में नोटबंदी के दौरान: नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के संबंध में अध्यादेश जारी किया था।
अनुच्छेद 123 के महत्व:
यह अनुच्छेद सरकार को संसद के सत्र के बीच में भी कानून बनाने की अनुमति देता है, जो देश के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यह अनुच्छेद आपातकालीन स्थिति में भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह सरकार को तुरंत कानून बनाने की अनुमति देता है।
अनुच्छेद 123 से जुड़े कुछ विवाद:
इस अनुच्छेद का उपयोग कुछ विवादों को जन्म देता है, क्योंकि राष्ट्रपति के पास कानून बनाने की अत्यधिक शक्ति है। कुछ लोगों का मानना है कि यह अनुच्छेद संसद की शक्ति को कम करता है।
निष्कर्ष:
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 123 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो सरकार को संसद के सत्र के बीच में भी कानून बनाने की अनुमति देता है। यह अनुच्छेद सरकार को आपातकालीन स्थिति में तुरंत कानून बनाने की अनुमति देता है। हालाँकि, यह अनुच्छेद कुछ विवादों को भी जन्म देता है।